हैं ख्वाहिशें ऐसी की जिनको
चाहना फ़िज़ूल है
बस इसलिए तेरे नाम से
इक मौत ही मक़बूल है
तू आके मेरी कब्र पे
दो फूल तो रख जायेगा
इस आस में हो दफ़्न
मिलना ख़ाक में भी क़ुबूल है...
सुनीता मोहन
चाहना फ़िज़ूल है
बस इसलिए तेरे नाम से
इक मौत ही मक़बूल है
तू आके मेरी कब्र पे
दो फूल तो रख जायेगा
इस आस में हो दफ़्न
मिलना ख़ाक में भी क़ुबूल है...
सुनीता मोहन
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