गुरुवार, 17 नवंबर 2011

हमारी नन्ही परी की जुबानी...........

मै अपने पापा की बेटी
मम्मी की आँखों का तारा
दादी की मै रानी पोती
प्यार करे मुझको घर सारा

जब भी नाना-नानी आते
सुन्दर सुन्दर कपडे लाते
दीदी मुझको गोद उठातीं
भैया मुझको खूब हंसाते

मै पने चाचा की बेटी
चाची की आँखों का तारा
दादा की मै रानी पोती
प्यार करे मुझको घर सारा

(मेरी बिटिया के स्कूल में हिंदी कविता प्रतियोगिता थी, मुझे लगा ये मौका है, वो अपने मन में उसके प्रति पूरे परिवार के प्यार को महसूस करे और उसे अभिव्यक्त करे, साथ ही वो सीधे-सरल शब्दों में जाने की रिश्तों का कितना महत्व है, खैर....और भी ना जाने क्या-क्या सोच कर मैंने उसके लिए ये कविता लिखी और उसे इस कविता को पूरे मनोभाव से सुनाने के लिए तैयार किया...............मुझे ख़ुशी हुई जब मैंने उसका certificate देखा, वो फर्स्ट आई थी!!!!!!)

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